Canada News : पिछले कुछ महिनों से कनाडा सरकार नें विदेशी छात्रों के प्रति नियमों में संशोधन किया था, जिसको लेकर विदेशी छात्र कनाडा सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आये। कनाडा के कई प्रांत इस समय दो तरफा प्रदर्शन से जूझ रहे हैं। कनाडा में रह रहे विदेशी और क्षेत्रीय नागरिक दोनों ही सरकार का विरोध कर रहे हैं। क्षेत्रीय नागरिकों का मत है कि, सरकारी ढील की वजह से नौकरी से लेकर हर चीजों पर विदेशियों का कब्जा होता जा रहा है, वहीं विदेशी नागरिक नियमों में परिवर्तन करने पर कनाडा (Canada News) सरकार से नाराज हैं। इसका सबसे बड़ा प्रभाव भारतीय छात्रों पर पड़ा है, जिसके बाद भारतीय छात्र अब सड़क पर निकलकर प्रदर्शन करने लगे हैं।
कनाडा सरकार दोनों गुट के प्रदर्शन का सामना करना पड़ रहा है
पाठकों को बता दें कि, कनाडा (Canada News) का प्रिंस एडवर्ड आइलैंड्स (PEI) प्रान्त ने क्षेत्रीय नागरिकों के भारी विरोध के कारण से अपने इमिग्रेशन परमिट में कटौती करना शुरु कर दिया है। विदेशी नागरिकों की भारी संख्या से जूझ रहे प्रांत ने अपने नियमों में कुछ परिवर्तन किया है। इसका सबसे बुरा असर भारतीय छात्रों पर पड़ा है, जिसके बाद सैकड़ों भारतीय छात्र निर्वासन का सामना कर रहे हैं। कनाडा के सबसे छोटे प्रांत पीईआई के नागरिकोंं का मत है कि, वे अब और ज्यादा अप्रवासी नहीं चाहते हैं। एक भारतीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रिंस एडवर्ड आइलैंड्स में घर, स्वास्थ्य सुविधा और रोजगार प्रमुख मुद्दा है, जिसके कारण से प्रांत ने इमिग्रेशन नियमों में परिवर्तन करके 25% की कटौती की है।
विदेशी नागरिक छिन रहे है आम नागरिकों के अवसर
दरअसल, कनाडा (Canada News) के आम नागरिकों को लगता है कि अप्रवासी लोग उनके हिस्से के संसाधान और अवसर छीन रहे हैं। यह विरोध छात्र वीजा पर आए युवाओं के लिए ज्यादा है। आम नागरिकों का मत है कि, कनाडा में स्थायी निवास और नागरिकता के लिए छात्र वीजा का दुरुपयोग किया जाता है। एक आम नागरिक ने कहा कि, विदेश के नागरिकों ने हमें बाहर कर दिया है। प्रिंस एडवर्ड द्वीप ग्रुप में जो हो रहा है, अब वह दूसरे प्रांतों में भी दिखने लगा है। एक सर्वे शोध रिपोर्ट के मुताबिक, प्रिंस एडवर्ड आइलैंड्स पर साल 2006 के बाद तेजी से विदेशियों की संख्या बढ़ी है। पीईआई के नागरिकों को लगता है कि उनके हिस्से का रोजगार विदेशी नागरिकों के पास जा रही है।
खराब नीति एवं अस्थायी नियमों से बढ़े विदेशी
पीईआई के एक नागरिक ने कहा, ‘हमें यहां कि परेशानियों को ठीक करना चाहिए, द्वीपों पर सभी नौकरियां उन लोगों के पास जा रही हैं, जो यहां के नहीं हैं.’ अप्रवासियों के खिलाफ नाराजगाही की वजह जनसंख्या वृद्धि और आवास सुविधा की कमी भी है। विदेशी नागरिकों के पहुंचने पर द्वीपों पर मकानों का किराया बढ़ गया है। स्थानीय नागरिक विदेशियों की संख्या में बढ़ोतरी की वजह नियमों में ढील को मान रहे हैं। इनका मानना है कि, अस्थायी नियमों के कारण से इन द्वीपों पर विदेशियों की संख्या बढ़ गई है। इसका प्रभाव स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ा है।