Indian Foreign Medical Student : विदेश से MBBS की पढ़ाई करके भारत लौटे छात्रों को परीक्षा पास करने के बाद अब एक नहीं 2 से 3 साल की इंटर्नशिप करनी होगी। इसके बाद ही उन्हें डॉक्टर का दर्जा मिलेगा। नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने MBBS के दौरान ऑनलाइन क्लासेज करने वालों के लिए भी बड़ा अपडेट दिया है।
विदेश से लौटे छात्रों को NMC का नोटिस
NMC ने नोटिस जारी करते हुए लिखा है कि, ये देखा गया है कि कई FMG गलत तरीके से अपने द्वारा संचालित ऑनलाइन कक्षाओं के लिए अपने मूल विश्वविद्यालयों से compensatory certificates ले रहे हैं. ये पेशा बहुमूल्य मानव जीवन से जुड़ा है, इसलिए उनके जीवन को कम दक्ष लोगों के हाथों दांव पर नहीं लगाया जा सकता है। इसलिए UGMEB यानी Under-Graduate Medical Education Board ने निर्णय लिया है कि अब से ऑफलाइन प्रैक्टिकल्स या क्लीनिकल ट्रेनिंग की जगह ऑनलाइन क्लासेज करके हासिल किए गए सर्टिफिकेट को स्वीकार नहीं किया जाएगा।”
विदेशी छात्रों को FMG की परिक्षा पास करना अनिवार्य
एनएमसी ने नोटिस में FMG की परिक्षा पर लिखा है कि, “जिन Foreign Medical Graduates ने अपने पाठ्यक्रम पूरा करने के दौरान किसी भी अवधि के लिए अपनी कक्षाओं में ऑनलाइन भाग लिया है, उन्हें FMG परीक्षा पास करने और उसके बाद दो/तीन साल की अवधि के लिए अनिवार्य रोटेटिंग मेडिकल इंटर्नशिप यानी (CRMI) से गुजरना जरूरी है।”
विदेशी छात्रों को करना होगा 2 से 3 साल का इंटर्नशिप
अब विदेश से MBBS की पढ़ाई कर भारत लौटे छात्रों को 2-3 साल की इंटर्नशिप भी करनी होगी। अब बात इसके आगे बढ़ाएं उससे पहले Foreign Medical Graduates के लिए बने नियमों पर बात कर लेते हैं। जिसके मुताबिक विदेश से MBBS की पढ़ाई कर आने वाले छात्रों को भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल सर्विसेज द्वारा आयोजित Foreign Medical Graduate examination यानी (FMGE) को पास करना पड़ता है। ये स्क्रीनिंग परीक्षा पास करने के बाद ही उन्हें प्रोविजनल मेडिकल रजिस्ट्रेशन दिया जाता है। इसके बाद आती है इंटर्नशिप की बारी, जो कि पहले एक साल की होती थी।