-मानव तस्करी का भी लगाया आरोप, देखें पूरा मामला
जींद न्यूज : हरियाणा के जींद के एक युवक को कम्बोडिया में काम दिलवाने का झांसा देकर उससे दो लाख रुपये हड़प लिए। कम्बोडिया में मानव तस्करों ने बंधक बना लिया। वहां पर ढाई तौले का सोने का कड़ा और चांदी की अंगूठी छीन ली। किसी तरह युवक अपनी जान बचाकर दुतावास से संपर्क कर वापस अाया। सिविल लाइन थाना पुलिस (Civil line jind) ने धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
पुलिस को दी शिकायत में पिंडारा (Pindara) निवासी रेखा पत्नी भास्कर ने बताया कि उसके पित की सुलतानपुर निवासी सुनील मलिक के साथ जान-पहचान थी। रोबिन और नरेंद्र सुनील के साथ मिलकर युवाओं को विदेश भेजने का काम करते हैं। सुनील के साथ उसके पति ने कम्बोडिया में वर्क वीजा के आधार पर काम दिलवाने की बात की थी। सुनील ने बताया था कि एक साल तक काम दिलवाएंगे और उसके लिए उन्हें 800 से 1100 डालर प्रति माह मिलेंगे। हर रोज आठ घंटे काम करना होगा। आठ घंटे से ज्यादा काम का ओवरटाइम मिलेगा। इसकी एवज में दो लाख रुपये खर्च आने की बात सुनील और उसके साथियों ने कही।
इसके अलावा 25 से 30 हजार रुपये एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन काउंटर पर दिखाने के लिए अलग से लगेंगे। रेखा ने बताया कि उसका पति भास्कर कम्बोडिया के लिए निकला था। पहले उसे थाईलैंड के पटाया में नरेंद्र से मिलाया गया, वहां उससे 418 डालर ले लिए गए, जबकि कंबोडिया की फीस 40 डालर ही है। वहां जाकर जितने भी रुपये खर्च हुए, उसका पति अपनी जेब से खर्च करता रहा। नरेंद्र, रोबिन तथा सुनील के सपंर्क कंबोडिया कंपनी में चाइनीज कंपनी के साथ थे। तीनों आरोपित यहां लड़के, लड़कियों को बहला-फुसलाकर यहां कंपनियों में फंसाया जा रहा है। आरोपित यहां से भी दो से तीन लाख रुपये युवाओं से लेते हैं और कंपनी से भी कमीशन लेते हैं। उसके पति को कम्बोडिया भेजने से पहले टैस्ट और इंटरव्यू लिया गया था।
उसके पति के साथ महेंद्रगढ़ निवासी इंद्रजीत, फगवाड़ा निवासी रवि भी गए थे। कम्बोडिया से टैक्सी के जरिये पनोमपैन ले जाया गया। वहां अलादिन होटल में उन्हें रखा गया, जहां बांग्लादेशी मानव तस्कर मिला। वहां कुछ युवाओं को रखा हुआ था, जो भारत, नेपाल, बांग्लादेश के थे और उन्हें जबरदस्ती वहां रखा हुआ था। उन्हें प्रताड़ित भी किया जा रहा था। दो दिन वहां रखने के बाद उन्हें सिमरिप शहर के जमाल होटल में ले जाया गया। वहां से उन्हें इंटरव्यू लिया गया। उसके पति ने वहां पहले से ही नौकरी कर रहे लोगों से बातचीत की ताे पता चला कि चाइनीज लोग उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं। एक बार कंपनी में चयन हो गया तो आठ से 10 महीने कंपनी से बाहर नहीं निकलने देते। खाना, पीना, रहना कंपनी के अंदर ही होता है।
यहां रहने वालों के साथ मारपीट भी की जाती है। उसके पति को बताया गया था कि वहां काल सेंटर का जाॅब है। वहां रहने वालों ने बताया कि यहां काल सेंटर से काल कर लोगों द्वारा लड़कियों की आवाज में भारतीय सेना में नौसेना, अधिकारियों, मंत्रियों को टारगेट कर उन्हें लूटना था। पाकिस्तान एजेंसियों का भारतीयों का डेटा भेजने का काम करते थे। उसके पति का वहां चाइनीज कंपनी वालों द्वारा लिए गए इंटरव्यू में चयन नहीं हो पाया। इस पर वहां के हालात देखते हुए वहां से निकलने की कोशिश करने लगे तो बांग्लादेशी द्वारा उन्हें कैद कर लिया गया। उन्होंने भारतीय दूतावास से संपर्क किया।
दुतावास वालों ने कहा कि यह इलाका सुरक्षित नहीं हैं, जितना जल्दी हो सके, वहां से निकल लो। बांग्लादेशियों ने उसके पति से ढाई तौले का सोने का कड़ा, चांदी की अंगूठी छीन ली। किसी तरह वहां से निकले। आरोपितों ने मांग की कि उनके साथ धोखाधड़ी से हड़पे गए दो लाख रुपये, ढाई तौले सोने का कड़ा, चांदी की अंगूठी वापस दिलवाने की मांग की।
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