Jind news : DRDA सभागार में माईक्रो ऑब्जर्वर के लिए आयोजित हुई कार्यशाला
Jind news : लोकसभा चुनाव को पारदर्शी एवं निष्पक्ष ढंग से संपन्न करवाने को लेकर स्थानीय डीआरडीए सभागार में माईक्रो ऑब्जर्वर की एक कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला में जींद जिला में नियुक्त किए गए माईक्रो ऑब्जर्वर को उनकी ड्यूटी के बारे में जरूरी निर्देश दिए गए। इस दौरान हिसार लोकसभा क्षेत्र से सामान्य ऑब्जर्वर गोपालचंद विशेष रूप से मौजदू रहे और उन्होंने माईक्रो ऑब्जर्वर को आवश्यक निर्देश दिए। कार्यशाला के दौरान वीसी के माध्यम से सोनीपत लोकसभा क्षेत्र की सामान्य ऑब्र्जवर डॉ. मंजुला और सिरसा लोकसभा क्षेत्र के सामान्य ऑब्जर्वर देव कृष्ण तिवारी भी जुड़े और उन्होंने भी कार्यशाला में मौजूद माईक्रो ऑब्जर्वर को मतदान के दिन की जाने वाली निगरानी व कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त (DC) मोहम्मद इमरान रजा की मौजूदगी व देखरेख में आयोजित हुई।
कार्यशाला के दौरान माईक्रो ऑब्जर्वर को मतदान की संपूर्ण प्रकिया और उनके दायित्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। माईक्रो ऑब्जर्वर को बाकायदा प्रोजेक्टर के माध्यम से बताया गया कि उनकी ड्यूटी विशेषतौर पर संवेदनशील मतदान केंद्रों पर ही रहेगी। ऐसे में उनको और अधिक सावधानी व गंभीरता के साथ कार्य करना है। माईक्रो ऑब्जर्वर को मुख्य रूप से यह देखना होता है कि मतदान प्रक्रिया में चुनाव आयोग के निर्देशों की सही ढंग से पालना हुई है या नहीं। माईक्रो ऑब्जर्वर सबसे पहले ये देखेंं कि उनसे संबंधित मतदान केंद्रों पर निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप बिजली, पानी, रैंप व शौचालय आदि की सुविधा है या नहीं। मॉक पोल के साथ ही माईक्रो ऑब्जर्वर की ड्यूटी शुरु हो जाती है।
मुख्यतया उनको 18 बिंदूओ पर गौर करना है, जिसमें मॉक पोल की शुरुआत से मतदान संपन्न होने की प्रक्रिशा शामिल है। माईक्रो ऑब्जर्वर को यह देखना होता है कि मॉक पोल समय पर हुआ है या नही, जो मतदान शुरु होने से 90 मिनट पहले करना होता है। मॉक पोल के बाद मशीन को क्लीयर करना होता है। मशीन में कोई पर्ची नहीं रहनी चाहिए। मॉक पोल के दौरान यह भी देखना होता है कि मॉक पोल के समय पोलिंग ऐजेंट मौजूद थे या नही। इसके अलावा प्रत्येक घंटे में ईवीएम और मतदान रजिस्टर में दर्ज आंकड़ों का मिलान करना भी जरूरी है ताकि मतदान निष्पक्ष ढंग से संपन्न हो।
माईक्रो ऑब्जर्वर को कार्यशाला में जानकारी देते हुए बताया गया कि उनको दिनभर की अपनी रिपोर्ट संबंधित लोकसभा क्षेत्र में नियुक्त सामान्य ऑब्जर्वर को ही देनी होती है। माईक्रो ऑब्जर्वर को निर्देश दिए गए गए कि वे यह देखें कि पीठासीन अधिकारी या पोलिंग पार्टी द्वारा मतदान के दौरान पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है या नहीं। मतदान के दौरान मतदाता का वोट पहचान पत्र या अन्य आईडी देखना जरूरी है। इसी प्रकार से मतदान केंद्र पर अनाधिकृत व्यक्ति का प्रवेश भी नहीं होना चाहिए। मतदान प्रक्रिया की गोपनीयता पूरी तरह से बरकरार रखनी जरूरी है। उनको निर्देश दिए गए कि मतदान के दौरान किसी प्रकार की गड़बड़ी होने की सूचना तुरंत प्रभाव से सामान्य ऑब्जर्वर की दी जाए। माईक्रो ऑब्जर्वर को बताया कि गया कि मतदान संपन्न होने के बाद संबंधित विधानसभा क्षेत्र की जहां पर ईवीएम जमा होंगी, वहीं पर एक काऊंटर बनाया जाएगा, जहां पर माईक्रो ऑब्जर्वर अपनी रिपोर्ट बंद लिफाफे में जमा करवाएंगे।
इसके साथ ही माईक्रो ऑब्जर्वर को बताया गया कि भले ही उनकी चुनाव में ड्यूटी लगी हो, लेकिन वे अपने मत का प्रयोग जरूर करें। इसके लिए वे जरूरत के अनुरूप फार्म 12 और फार्म 12 -ए का प्रयोग करें। कार्यशाला में माईक्रो ऑब्जर्वर को इवीएम के प्रयोग के बारे मेें भी जानकारी दी गई। जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजकुमार ने प्रोजेक्टर के माध्यम से माईक्रो ऑब्जर्वर को उनकी ड्यूटी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर एसडीएम एवं जींद विधानसभा क्षेत्र के एआरओ राकेश सैनी, सफीदों एसडीएम एवं एआरओ मनीष फौगाट, नरवाना एसडीएम एवं एआरओ अनिल कुमार दून, उचाना के एसडीएम एवं एआरओ गुलजार मलिक व चुनाव नायब तहसीलदार प्रदीप सरोहा सहित संबंधित अधिकारी व जींद जिला में नियुक्त किए गए माईक्रो ऑब्जर्वर मौजूद रहे।