ड्यूटी कटवाने के लिए दिल की बीमारी को आधार बना रहे कर्मचारी
Jind news : लोकसभा चुनाव में ड्यूटी से बचने के लिए अधिकारी व कर्मचारी लगातार जुगत लगा रहे हैं। हालांकि नियमानुसार मेडिकल अनफिट होने पर ही चुनाव डयूटी से राहत मिल सकती है। ऐसे में अधिकतर लोग दिल की बीमारी बता कर चुनाव ड्यूटी (Jind election duty) से बचने के लिए आवेदन कर रहे हैं। इसके लिए नागरिक अस्पताल विशेष डेस्क बनाया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया हुआ है। हालांकि डीसी के स्तर पर अधिकतर लोगों की ड्यूटी नहीं काटी जा रही हैं। जो लोग नियमित रूप से सामान्य ड्यूटी कर रहे हैं, उन्हें इससे राहत नहीं मिल रही है।
ड्यूटी कटवाने के लिए कर्मचारी सिफारिश भी लगवा रहे हैं। कोई भी कर्मचारी झूठा मेडिकल आधार बनाकर आवेदन नहीं करे, इसके लिए चिकित्सक बोर्ड द्वारा जांच की जाती है। अनफिट करते समय पूरी जानकारी देनी होगी। इसलिए चिकित्सक भी इस मामले में पूरी तरह से सावधानी बरत रहे हैं ताकि वास्तविक लोगों को ही इसका लाभ मिल सके।
चुनाव ड्यूटी (Jind election duty news) के दौरान दो दिन का समय लगता है। चुनाव से पहले दिन जिस बूथ पर ड्यूटी होती है, उस पर जाना पड़ता है, रात को वहीं रहना होता है। ऐसे में अगले दिन मतदान करवाकर ईवीएम जमा करवाने के बाद रात को घर पहुंचा जा सकता है। ऐसे में काफी लोग इससे बचना चाहते हैं।
ऐसे में नागरिक अस्पताल में प्रतिदिन चार से पांच कर्मचारी एवं अधिकारी मेडिकल फिटनेस के लिए पहुंचते हैं। वह कोशिश करते हैं कि किसी तरह उनका अनफिट प्रमाण पत्र बन जाए और वह चुनावी ड्यूटी से बच जाए। वहीं प्रशासन द्वारा पूरी सतर्कता बरती जा रही है। नागरिक अस्पताल (Jind civil hospital) में दो दिन में दस लोग मेडिकल जांच के लिए आ चुके हैं। इनमें से अभी तक केवल एक ही व्यक्ति मेडिकल अनफिट मिला है, बाकी अपनी ड्यूटी कटवाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने आ रहे हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी के सख्त हैं आदेश चुनाव ड्यूटी के बचने के लिए दो दिन में दस लोग मेडिकल करवाने के लिए नागरिक अस्पताल में आ चुके हैं। इनमें से अभी तक केवल एक व्यक्ति, जिसको पेरालाइसिस, डायबिटिज तथा अन्य समस्याएं थी, वह अनफिट हुआ है। अनफिट होने पर व्यक्ति की बीमारी से संबंधित पूरी डिटेल के साथ चुनाव कार्यालय को अवगत करवाना पड़ता है।
जिला निर्वाचन अधिकारी के भी इस मामले को लेकर सख्त आदेश हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी को यदि यह लगा कि यह प्रमाण पत्र सिफारिश से बनवाया गया है तो वह इसकी दोबारा फिटनेस भी मांग सकते हैं। इसलिए नागरिक अस्पताल का जो मेडिकल बोर्ड है, उसके सभी चिकित्सक इस मामले में कोई भी सिफारिश नहीं मान रहे हैं। इसी कारण काफी लोग वापस लौट रहे हैं।
सिटीएम की अध्यक्षता में बनाई कमेटी
इसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारी मोहम्मद इमरान रजा द्वारा दो स्तर पर कमेटियों का गठन किया गया है। जो भी आवेदन डीसी के पास आते हैं, पहले उन्हें जांच के लिए नागरिक अस्पताल भेजा जाता है। इसके बाद सिटीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी इसकी जांच कर आगे का फैसला लेगी।
नागरिक अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला (Dr Rajesh bhola jind ) ने बताया कि अभी तक एक व्यक्ति ही ऐसा मिला है, जो चुनाव ड्यूटी करने में सक्षम नहीं है। इसकी पूरी डिटेल चुनाव कार्यालय को भेजी गई है। सभी चिकित्सक को इस मामले में सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। दो दिन से ही चुनाव ड्यूटी लगने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों के मेडिकल जांच का कार्य शुरू हुआ है। दो दिन में दस लोग मेडिकल के लिए आ चुके हैं।