नहीं काटने पड़ेंगे विभाग के कार्यालय के चक्कर
Widow pension : प्रदेश में बुढ़ापा पेंशन की तरह ही अब विधवा पेंशन भी घर बैठे ही बनेगी। पेंशन लाभार्थी महिलाओं को अब कागज उठाकर विभाग के कार्यालय चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी। समाज कल्याण विभाग ने परिवार पहचान पत्र के डेटा के आधार पर जींद में 216 लाभार्थियों की सूची विभाग में भेज दी है। अब विभाग द्वारा इन विधवा पेंशन (Widow pension) लाभार्थियों की पेंशन शुरू करवाई जाएगी। जिले में करीब 54850 विधवा महिलाएं इस समय पेंशन ले रही हैं।
सरकार द्वारा परिवार पहचान पत्र के डेटा को विभाग के साथ जोड़ा और जो भी बुजुर्ग पीपीपी में 60 वर्ष का होता है तो उसकी पेंशन घर बैठे ही विभाग द्वारा बनाई जाती है। पीपीपी के डेटा के आधार पर पात्र बुजुर्गों की सूची मुख्यालय से जिला समाज कल्याण विभाग के पास पहुंच जाती है और इसके बाद स्थानीय कर्मचारियों द्वारा उनकी पेंशन शुरू करवाई जाती है। इस माह भी 1010 पात्र बुजुर्गों की सूची मुख्यालय से मिली, जिनकी बुढ़ापा पेंशन स्वत: ही शुरू हो जाएगी। इसी तर्ज पर अब विधवा पेंशन (Widow pension) भी विभाग द्वारा शुरू कर दी गई है।
किसी भी कारणवस पति की मौत होने पर विधवा महिला को परिवार पहचान पत्र में पति का मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर अपलोड करवाना होगा, जिसके बाद उसके परिवार पहचान पत्र में विधवा प्रमाणित हो जाएगा और उसके बाद यह डेटा समाज कल्याण विभाग के मुख्यालय से पास चला जाएगा। मुख्यालय द्वारा जिला के विभाग को इस डेटा को भेजा जाएगा, जिसके बाद जिला समाज कल्याण विभाग के कर्मचारी लाभार्थियों की पेंशन शुरू करवाएंगे। पहले चरण में जींद जिले की 216 विधवा महिलाओं की सूची पोर्टल के जरिए मिली है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी सरोज देवी का कहना है कि बुढ़ापा पेंशन की तर्ज पर अब विधवा पेंशन (Widow pension) भी घर बैठे ही बनेगी। मुख्यालय द्वारा भेजी गई सूची में जिले की 216 लाभार्थियाें के नाम आए हैं, जल्द ही इनकी पेंशन शुरू कर दी जाएगी। अब लाभार्थियों को चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी। उन्हें अपने परिवार पहचान पत्र को अपडेट करवाना होगा, उसी डेटा के आधार पर विभाग से योजना का लाभ मिलेगा। सरकार द्वारा लाभार्थियों को लगातार राहत दी जा रही है।