Nafe Singh Rathi : बहादुरगढ़ से दो बार विधायक रहे नफे सिंह राठी की 25 फरवरी की शाम को बदमाशों ने गोलियों से भूनकर हत्या कर दी। इसमें उनके साथ बैठे सुरक्षा कर्मी की भी गोलियां लगने से मौत हो गई। नफे सिंह राठी करोड़ों की संपत्ति के मालिक थे तो वहीं उन पर करोड़ों का कर्ज भी था।
इंडियन नेशनल लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के काफी करीबी माने जाते थे। पार्टी में उनकी पकड़ काफी मजबूत थे। सत्तापक्ष पर हमेशा हैवी रहते थे और बेबाकी से अपनी बात रखते थे। वह एक जाट नेता थे और बहादुरगढ़ के जाटवाड़ा गांव से ताल्लुक रखते थे। बहादुरगढ़ विधानसभा सीट से ही वह दो बार विधायक रहे हैं।
राजनीति से पहले नफे सिंह नेवी में भी पोस्टेड रहे हैं। वे कुश्ती भी खेल चुके हैं। हाल ही में वे टर्की में कुश्ती से जुड़े एक कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे। जिसकी उन्होंने एक पोस्ट भी शेयर की थी। उन्होंने लिखा था कि तुर्की में आयोजित छठे ईथनोस्पोर्ट फोरम में इंडियन स्टाइल रेसलिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया का अध्यक्ष होने के नाते आयोजन में हिस्सा लिया और किस प्रकार अपने देश के खेल, मिट्टी की कुश्ती को बढ़ावा मिले, इस बारे में अपने विचार रखे।
पहली बार 1996 में लड़ा था चुनाव
नफे सिंह राठी ने पहली बार समता पार्टी की टिकट पर 1996 में विधानसभा का चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। इसके बाद वह साल 2000 में इंडियन नेशनल लोक दल की टिकट पर दूसरी बार विधायक बने। वह बहादुरगढ़ म्युनिसिपल काउंसिल के दो बार अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
इनके अलावा नफे सिंह ऑल इंडियन स्टाइल रेसलिंग एसोसिएशन के भी अध्यक्ष रहे हैं। वह पूर्व सीएम ओपी चौटाला और अभय चौटाला के विश्वसनीय माने जाते थे।
अलग पार्टी बनाने पर दुष्यंत चौटाला का किया था विरोध
INLD में फूट के बाद भी नफे सिंह ने ओपी चौटाला परिवार का साथ नहीं छोड़ा। दुष्यंत चौटाला के पार्टी से अलग होकर अपनी पार्टी बनाने के वह विरोधी रहे और उनकी काफी आलोचना भी की थी। नफे सिंह हाल के दिनों में पार्टी की ‘परिवर्तन यात्रा’ की अगुवाई कर रहे थे। वह पार्टी में काफी सक्रिय रहते थे। कहा जाता है कि वह जमीन से जुड़े हुए नेता थे और अक्सर कार्यकर्ताओं के साथ देखे जाते थे।
तीन दिन पहले मनाया था 66वां जन्मदिन
हरियाणा के बहादुरगढ़ में कत्ल किए गए इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी ने 3 दिन पहले यानी 22 फरवरी को ही अपना 66वां जन्मदिन मनाया था। वह इसी साल होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव भी लड़ने वाले थे। जिसको लेकर उन्हें पार्टी के नेताओं ने शुभकामनाएं भी दी थीं। हालांकि, इनेलो पार्टी उन्हें रोहतक लोकसभा से प्रत्याशी घोषित करने की तैयारी में थी।
करोड़ों की संपत्ति के मालिक और करोड़ों का ही था कर्ज
नफे सिंह राठी करोड़ों की संपत्ति के मालिक थे। इलेक्शन कमीशन को दिए एफिडेविट के मुताबिक, 2019 में विधानसभा चुनाव के वक्त उनके पास साढ़े 18 करोड़ की प्रॉपर्टी थी। हालांकि वे करीब 7 करोड़ के कर्जदार भी थे। इससे पहले 2014 में उनकी संपत्ति करीब सवा 10 करोड़ और कर्जा पौने 7 करोड़ था।
बेबाकी से रखते थे अपनी बात, सत्ता पक्ष पर रहे हमेशा हमलावर
नफे सिंह राठी, अपनी बेबाकी के लिए भी खूब जाने जाते थे। गलत को गलत कहने की हिम्मत रखते थे। सत्ता पक्ष पर हमेशा हमलावर रहे हैं। 13 फरवरी को किसान आंदोलन शुरू होने वाले दिन, उनके समर्थन में पोस्ट भी की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर एक पोस्ट कर उसे पिन किया हुआ है।
एक दिन पहले नूंह में था कार्यक्रम
इनेलो के नेता अभय सिंह चौटाला की हरियाणा परिवर्तन यात्रा के दौरान एक दिन पहले नूंह में भी बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी भी शामिल हुए थे। उन्होंने कहा था कि हरियाणा परिवर्तन यात्रा का असर अब हरियाणा में दिखने लगा है। नूंह की अनाज मंडी में उमड़ा ये जनसमूह इस बात का प्रमाण है कि अब जनता ने परिवर्तन का मन बना लिया है।