Parliament security breach : नीलम की रिहाई और UAPA हटाने की मांग
Parliament security breach : संसद सुरक्षा चूक मामले में गिरफ्तार की गई जीन्द के घसो गांव की नीलम की रिहाई और उस पर लगे UAPA एक्ट हटाने की मांग को लेकर जीन्द के नरवाना में जन संगठनों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इसमें भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां से जुड़े किसान संगठन ने भी भाग लिया।
शुक्रवार को जन संगठनों ने रेलवे स्टेशन से बाजार से होते हुए लघु सचिवालय तक प्रदर्शन किया और एसडीओ को नीलम आजाद की रिहाई के लिए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। किसान नेता आजाद पालवां, सिक्किम सफाखेड़ी, अखिल भारतीय किसान सभा के राज्याध्यक्ष मास्टर बलबीर सिंह ने सरकार की तानाशाही का विरोध करते हुए बताया कि आज से 94 वर्ष पूर्व गूंगी बहरी ब्रिटिश सरकार को जगाने के लिए जो रास्ता भगत सिंह और उनके साथियों को उठाना पड़ा था।
वही कदम हमारी बेटी नीलम आजाद और उसके साथियों ने बेरोजगारी, भुखमरी, शिक्षा, स्वास्थ्य सब के लिए रोटी कपड़ा और मकान लिए हर जगह गुहार लगाई। परंतु वही डाक के तीन पात वाली बात हुई और अंत में अपनी ही स्वदेशी सरकार को जगाने किए मजबूर होकर अपनी बात को देश की सब से बडी राजनितिक अदालत में पहुंचने के लिए यह कदम उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि माना कि जो रास्ता अपनाया उसमें कोई खामी हो सकती है, परंतु सरकार ने जिस धारा यूएपीए के मुकदमा दर्ज किया है, वह बिल्कुल गलत है। यह किसी भी तरह उचित नहीं है, इसलिए हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं और इसके वापिस होने तक हमाराइ विरोध जारी रहेगा।
इस अवसर पर सिक्किम श्योकंद, आजाद पालवां, सतबीर खरल, शीशपाल गुलाडी, नरेश दनौदा, डिंपल, दिलशेर मांडी, कमलेश, अनिता कर्मगढ़, हरचरण सिंह, सुदेश कंडेला, कुलदीप दनौदा, रामेश्वर, विरेंद्र नैन, सुभाष तितरम, सुरेन्द्र चौशाला, मनजीत करोड़ा मौजूद रहे।
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