PM Kisan: अगर आप किसान हैं या आपके परिवार में कोई खेती से जुड़ा हुआ है, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। हाल ही में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ किसान प्रतिनिधियों ने बजट 2025 से पहले कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। इस बातचीत में किसानों ने कई महत्वपूर्ण मांगें रखी, जो कृषि क्षेत्र की बेहतरी के लिए जरूरी मानी जा रही हैं।
सस्ता लोन और ब्याज दर में कमी
किसानों ने कृषि क्षेत्र के लिए सस्ते और लंबे अवधि वाले लोन की मांग की है। साथ ही, कृषि लोन पर ब्याज दर को घटाकर 1 प्रतिशत तक लाने की अपील की गई है।
पीएम-किसान सम्मान निधि में वृद्धि
किसान प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) की राशि को दोगुना करने की मांग की है। फिलहाल, किसानों को सालाना 6,000 रुपये मिलते हैं, जिसे बढ़ाकर 12,000 रुपये करने की मांग की गई है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में सुधार
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के अध्यक्ष धर्मेंद्र मलिक ने MSP मेकेनिज़्म की समीक्षा की मांग की। उनका कहना था कि भूमि किराया, कृषि मजदूरी और कटाई के बाद के खर्च को भी MSP में शामिल किया जाना चाहिए।
कृषि बीमा और फसल बीमा योजना में सुधार
किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में छोटे किसानों के लिए शून्य प्रीमियम वाले फसल बीमा की मांग की है, ताकि किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाव मिल सके और उन्हें वित्तीय सुरक्षा मिले।
टैक्सेशन रिफॉर्म्स और जीएसटी छूट
किसान संगठनों ने कृषि उत्पादों पर जीएसटी छूट की भी मांग की है। खासकर, कृषि मशीनरी, बीज, खाद, और कीटनाशकों पर जीएसटी को घटाने की आवश्यकता बताई गई है। कीटनाशकों पर जीएसटी की दर घटाने की मांग: पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कीटनाशकों पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने की मांग की है।
कृषि में निवेश
अजयवीर जाखड़, भारत कृषक समाज के चेयरमैन, ने कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए सालाना 1,000 करोड़ रुपये के लक्षित निवेश की रणनीति का प्रस्ताव दिया। यह निवेश विशेष रूप से सोयाबीन और सरसों जैसी फसलों पर केंद्रित होगा।