Seized liquor in election : लोकसभा ईलेक्शन 2024 के दूसरे चरण ( 2nd Phase ) का ईलेक्शन 26 अप्रैल को होने वाला है। इससे पहले 102 लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को पहले चरण के लिए (Code of conduct) वोटिंग हो चुकी है। बता दें कि, 18 वीं लोकसभा चुनाव के लिए मतगणना चार जून को होगी। इसके अलावा देश में आदर्श आचार संहिता चुनाव की घोषणा होने के बाद ही लागू हो जाती है। लेकिन सवाल ये है कि ईलेक्शन के दौरान जब्त दारू और पैसों का क्या होता है।
जब्त की गई शराब का क्या होता है ?
बता दें कि, ईलेक्शन (Loksabha election) के दौरान कैश के अलावा भारी मात्रा में शराब भी जब्त की जाती है। अक्सर नेता ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाताओं को लुभाने के लिए शराब बांटने का काम करते हैं। इस दौरान सुरक्षाकर्मी जांच के दौरान अवैध तरीके से लाई गई शराब को जब्त कर लेते हैं। हालांकि अगर शराब कानूनी तरीके से बिल और सही मात्रा के साथ खरीदी जाती है, तो उसे छोड़ दिया जाता है।
लेकिन बिना कागजों के लेकर जाने पर उसे जब्त कर लिया जाता है. बता दें कि चुनाव के दौरान मिली सभी शराब को सबसे पहले तो एक जगह जमा कर दिया जाता है। जिसके बाद उसे एक साथ नष्ट कर दिया जाता है। आप ऐसी कई (Seized liquor in election) फोटोज देखी होगी, जिसमें एक स्थान पर भारी संख्या में बोतलों को मैदान में रखा जाता है और रोडरोलर से उन्हें कुचल कर नष्ट किया जाता है।
कैश जब्त (cash seized in election) का क्या होता है ?
बता दें कि, चुनाव के दौरान अधिकतर काले धन का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए पुलिस छापे और जांच के दौरान काले धन को जब्त करती है. इसके अलावा पुलिस संदिग्ध गाड़ियों और लोगों की जांच करती है. इस दौरान लिमिट से ज्यादा कैश लेकर जाने पर पुलिस उन्हें जब्त कर लेती है।
हालांकि इस दौरान जो पैसे वैध तरीके से निकाले जाते हैं और उनका बिल और रशीद होता है, उसे पुलिस छोड़ भी देती है। बता दें कि, चुनाव के दौरान पुलिस जो भी कैश या नगदी जब्त करती है, उसे आयकर विभाग को सौंप दिया जाता है। हालांकि पुलिस जिस व्यक्ति से कैश बरामद करती है, वह बाद में इसके लिए क्लेम कर सकता है। पैसा वैध होने Seized liquor in election पर पैसा उसे वापस कर दिया जाता है।