Hit and Run Law change : केंद्र सरकार ने हिट एंड रन कानून में किया बदलाव, ट्रक चालकों को यह राहत मिली

Hit and Run Law change : केंद्र सरकार द्वारा हिट एंड रन कानून का लगातार विरोध के बाद अब इसमें बड़ा बदलाव किया है। कानून को लेकर काफी दिनों से ट्रक मालिक व चालक आंदोलन कर रहे थे। इन लोगों का संघर्ष काम भी आया और सरकार ने इसमें बदलाव कर दिए है। सरकार ने कानून में संशोधन करके नियम, सजा और जुर्माने का और ज्यादा सख्त किया था।

हालांकि सरकार ने अब इन नियमों में कुछ राहत दी है, जिसके बाद ट्रक ड्राइवरों और ट्रांसपोर्टरों ने शनिवार को सरकार की ओर से भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(2) के कार्यान्वयन को स्थगित करने का स्वागत किया। वहीं तीन आपराधिक कानूनों के अन्य सभी प्रावधान 1 जुलाई से लागू होंगे।

 

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने बीएनएस के विवादास्पद खंड 106(2) को लागू करने से परहेज करके एआईएमटीसी, ड्राइवरों, ट्रक ड्राइवरों और परिवहन के कारोबार से जुड़े लोगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बरकरार रखी है। यह निर्णय पूरे परिवहन क्षेत्र (Hit and Run Law change) के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है।ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के पूर्व अध्यक्ष और कोर कमेटी के अध्यक्ष बाल मलकीत सिंह ने कहा कि यह खंड ट्रांसपोर्ट बिजनेस में काफी दिक्कतें हो सकती थी।

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पहले कानून में थे कड़ी सजा के प्रावधान

उन्होंने कहा कि हजारों ट्रक, बस और टैक्सी चालकों ने हिट एंड रन मामलों में ड्राइवरों के लिए कड़ी सजा के प्रावधान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। इस विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने एआईएमटीसी (Hit and Run Law change) और अन्य पक्षों के साथ चर्चा किए बिना प्रावधान को लागू नहीं करने का आश्वासन दिया था। सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए ट्रांसपोर्टरों की प्रमुख संस्था,AITWA ने भी कहा है कि इस मुद्दे ने दिसंबर 2023 से जनवरी 2024 में ट्रक चालक समुदाय के बीच देशव्यापी हलचल पैदा कर दी थी।

 

ट्रांसपोर्ट संघों ने कहा, ड्राइवरों की कठिनाइयों को समझना जरूरी

उन्होंने कहा कि उन ट्रक ड्राइवरों के सामने आने वाली कठिनाइयों को समझने की जरूरी थी, जो अथक परिश्रम कर रहे हैं। बस मालिकों के एक संघ बीओसीआई ने भी फैसले का स्वागत किया है। राष्ट्रव्यापी विरोध के दौरान ड्राइवरों और ट्रांसपोर्टरों ने आरोप लगाया था कि सरकार हितधारकों के साथ कोई बातचीत किए बिना ऐसे प्रावधान लेकर आई है।

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