International health insurance : अगर आप विदेश की यात्रा कर रहे हैं तो उससे पहले वहां की हेल्थ से संबंधित जानकारी होना जरूरी हैं, अगर आप विदेश में घूमने के लिए चले गए और वहां पर बीमार पड़ गए तो आपको वहां पर इलाज करवाना महंगा पड़ सकता हैं, लेकिन काफी कंपनियां आपको हेल्थ इंश्योरेंस (health insurance) की सुविधा देती हैं। जहां पर ग्लोबल हेल्थ इंश्योरेंस (International health insurance) कवर करता हैं। ऑफिस का काम हो या फिर बिजनेस रिलेटेड मीटिंग आपको फोरेन जाना पड़ सकता है।
कई लोगों को लगता है कि ट्रैवल इंश्योरेंस (traveler insurance) होना शायद काफी है लेकिन ऐसा नहीं है। जब आप देश के बाहर हैं और ऐसे में आपको किसी तरह की मेडिकल इमरजेंसी (health insurance) आ जाती है, तब आपको ग्लोबल हेल्थ इंश्योरेंस (International health insurance) कवर बेहद काम में आ सकता है। कई कंपनियां भी अपने को ये ऐड ऑन की तरह देती हैं, जब उन्हें कंपनी के काम से बाहर ट्रैवल (traveler insurance) करना पड़ता है। हालांकि आपको बिना पूरी जानकारी के खुद ही ये नहीं सोच लेना है कि ये कवर आपको सभी देशों में सभी तरह के मेडिकल एक्सपेंस (International health insurance) कवर करेगा, आपको इसके पहले कुछ खास बातों की जानकारी होना जरूरी है।
इन बातों का रखें ध्यान
1. कई इंश्योरेंस कंपनियां (health insurance) बड़ा अमाउंट सम इंश्योर्ड करने पर ही हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइड (International health insurance) करती हैं। ये अमाउंट 20 लाख से 1 करोड़ तक भी हो सकता है.
2. ग्लोबल हेल्थ इंश्योरेंस (International health insurance) ज्यादातर आपको इन-हॉस्पिटलाइजेशन के खर्चे उठाने की ही सुविधा देता है। पोस्ट और प्री हॉस्पिटलाइजेशन, ओपीडी के खर्चे इसमें जोड़े नहीं जाते।
3. अक्सर यूनाइटेड स्टेट्स (USA health insurance) और कनाडा (canada health insurance) में मेडिकल ट्रीटमेंट फैसिलिटी इन कवर्स में प्रोवाइड नहीं की जाती। अगर आप इन दोनों जगहों के लिए भी कवर लेना चाहते हैं तो आपको इसके लिए अलग से पैसा देना होता है। इस तरह के प्लान में एक खास क्लॉज भी होता है जहां होल्डर को पहले ही 10 से 20 प्रतिशत की को-पेमेंट करना होती है यानी कि होल्डर पहले ही फुल पेमेंट कर देंगे और जब वो वापिस देश लौटेंगे कंपनी 80-90 प्रतिशत कॉन्पंसेट कर देगी।
4. अगर पहले से ही कोई बीमारी है तो पालिसी (health insurance) का वेटिंग पीरियड 2 से 4 साल तक का हो सकता है।
5. ध्यान रखें ग्लोबल हेल्थ इंश्योरेंस (health insurance) कवर नॉर्मल कवर से 3 से 4 गुना तक महंगे हो सकते हैं.
6. अगर मरीज किसी बीमारी के चलते प्लानिंग के तहत विदेश में इलाज के लिए ले जाए जा रहे हैं तो कंपनी को इस बात की जानकारी देना बेहद जरूरी है।
7. अगर इमरजेंसी में मरीज को ले जाना पड़ा है, तो वेरिफाइड डॉक्टर से सर्टिफिकेट जरूरी होगा जो इस बात का प्रूफ होगा की ये मेडिकल ट्रीटमेंट (health insurance) एक इमरजेंसी थी। सभी जरूरी डॉक्यूमेंट जमा करना जरूरी है।
8. क्योंकि देशों की करेंसी में अंतर होता है तो एक्सचेंज रेट सिस्टम के कुछ नुकसान देखने मिल सकते हैं।