Jind news : मंडी में फसल के बैग लोड करने से लेकर गोदाम में उतारने के लिए प्रवासी लेबर पर हैं एजेंसियां निर्भर
Jind news : जींद मंडियों में गेहूं का उठान धीमा होने से दिक्कत आ रही है। जिसके कारण फड़ पर गेहूं के बड़े ढेर लगे हैं और बोरियों से मंडी अटी पड़ी हैं। गोदामों में गाड़ियों से गेहूं व सरसों के बैग उतारने के लिए लेबर पर्याप्त नहीं है। जिसके कारण गाड़ियों को खाली होने में ज्यादा समय लग रहा है। गोदाम के बाहर चालक गाड़ी लेकर 10 से 20 घंटे तक इंतजार करते रहते हैं। ऐसे में एक गाड़ी का दिनभर में एक चक्कर भी मुश्किल से हो पाता है।
जिले में बुधवार दोपहर बाद तक (Jind news) मंडियों व खरीद केंद्रों पर करीब 59.40 लाख क्विंटल गेहूं की आवक हो चुकी थी। जिसमें से 51.19 लाख क्विंटल गेहूं की खरीद हुई है और लगभग 20.40 लाख क्विंटल गेहूं का उठान हुआ था। खरीदे गए गेहूं के मुकाबले 40 प्रतिशत ही उठान हुआ है। गोदामों में गाड़ियों से गेहूं व सरसों के बैग उतारने के लिए क्या व्यवस्था है और कितने समय में एक गाड़ी खाली हो रही है।
पड़ताल में सामने आया है कि रोहतक रोड पर चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के सामने गोदाम है। यहां पांच हजार मीट्रिक टन गेहूं भंडारण की क्षमता है, जो पूरी हो चुकी है। वहीं जींद जिले के साथ-साथ, भिवानी, दादरी व अन्य जिलों से सरसों गाेदाम में आ रही है। बुधवार दोपहर को गोदाम के बाहर रोड पर करीब 10 गाड़ियां सरसों के बैगों से भरी खड़ी थी, जो खाली होने के लिए बारी आने के इंतजार में थी। एक गाड़ी के चालक ने बताया कि रोड पर उसकी गाड़ी सातवें नंबर पर खड़ी है। वह सुबह चार बजे यहां पहुंच गया था। अगर गोदाम के अंदर लेबर लगातार काम करती है, तो देर शाम तक उसकी गाड़ी का नंबर आने की उम्मीद है।
वहीं लाइन में सबसे पीछे (Jind news) खड़ी गाड़ी के चालक बन्ना लाल ने बताया कि बुधवार सुबह वह मंडी से गाड़ी लोड करवा कर यहां पहुंचा है। वीरवार को ही उसकी गाड़ी खाली हो पाएगी। क्योंकि लेबर रात को काम नहीं करती, शाम को पांच बजे ही लेबर चली गई, जो सुबह वापस आएगी। तब तक गाड़ी को छोड़ कर भी नहीं जा सकते हैं। क्योंकि गाड़ी से गेहूं के बैग चोरी हो जाते हैं। इसलिए वह गाड़ी के कैबिन में आराम करने की बजाय पीछे डाले के पास रहकर निगरानी करनी पड़ती है।
चुनाव के कारण (Jind news) लेबर आई है कम
मंडियों में गेहूं व सरसों बैगों में भरने, गाड़ी में लोड करने और गोदामों में उतारने के लिए ज्यादातर बिहार से लेबर आती है। लोकसभा चुनाव के चलते इस बार लेबर कम आई है। ठेकेदारों को स्थानीय लेबर नहीं मिल रही है। गेहूं उतारने के लिए गोदाम में जितने प्वाइंट होने चाहिएं, संख्या उससे कम है। एक प्वाइंट पर 12 से 13 कर्मचारी होते हैं। अगर गोदाम में 10 प्वाइंट बनाए जाएं, तो एक साथ 10 गाड़ियों को खाली किया जा सकता है। जबकि लेबर की कमी में चार से पांच प्वाइंट पर गाड़ियां अनलोड हो रही हैं। चुनाव के चलते लेबर की कमी है, ये एजेंसी अधिकारी मान रहे हैं। लेकिन खुल कर स्वीकार नहीं कर रहे।
जारी है गेहूं उठान का कार्य
हैफेड के डीएम पुनीत पंघाल ने बताया कि गेहूं की खरीद के साथ ही उठान करवाया जा रहा है। इस बार गेहूं की खरीद देरी से शुरू हुई है। उसके बाद अचानक आवक भी तेजी से हुई। गेहूं उठान का कार्य जारी है। चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के सामने वाले गोदाम में क्षमता के अनुसार पूरा गेहूं आ चुका है। यहां सरसों आ रही है। जींद जिले के साथ-साथ दूसरे जिलों से भी इस गोदाम में सरसों आएगी।
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