Haryana Coaching Centre New Rules : हरियाणा के कैथल जिले में राज्य सरकार अवैध रूप से चल रहे 100 अधिक प्राइवेट कोचिंग सेंटरों पर अब लगाम कसने जा रही है। जिले में अब बगैर मंजूरी के कोई भी कोचिंग सेंटर नहीं चल सकेगा। क्योंकि, सरकार ने इसके लिए नया कानून बना दिया है। इस कानून के तहत राज्य सरकार राज्य में मनमर्जी से चल रहे अवैध रुप से निजी शिक्षण संस्थानों पर लगाम कसेगी।
नियमों के उल्लघंन करने पर लगेगा 1 लाख रुपये का जुर्माना
हरियाणा सरकार के कानून के मुताबिक, डी.सी की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा। इसमें डी.सी के अतिरिक्त एस.पी, डी.ई.ओ, जिला लेखा अधिकारी व सरकारी कॉलेज के एक प्रिंसिपल समेत प्राइवेट कोचिंग सेंटरों (Haryana Coaching Centre New Rules) के दो प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा। यह कमेटी संस्थानों से आवेदन प्राप्त होने के 45 दिन के अंदर उनके दस्तावेज को जांच उन्हें 3 साल के लिए पंजीकरण का प्रमाण पत्र देगी। इस कानून में कमेटी के पास शक्तियां होंगी, अगर कोई कोचिंग सेंटर किसी भी नियम की उलंघना करेगा तो उसे पहली बार 25 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा। दूसरी बार में एक लाख जुर्माना लगाया जाएगा, यदि तीसरी बार में भी संस्था के खिलाफ आरोप साबित होता है तो संस्थान का रजिस्ट्रेशन समाप्त किया जाएगा।
इन सेंटरों पर भी गिरेगी गाज
पाठकों को बता दें कि, शहर के अंबाला रोड, ढांड रोड और करनाल रोड सहित बाजार व रिहायशी क्षेत्रों में 50 से अधिक कोचिंग सेंटर शामिल हैं। जिनके बाहर इनके संचालकों द्वारा बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी और अच्छे नंबर दिलाने के बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गए हैं। इनमें युवाओं को विभिन्न कोर्सों में 100 प्रतिशत सिलेक्शन करवाने का भी दावा किया गया है। इनके लुभावने दावों के कारण ही ग्रामीण क्षेत्र से हर रोज हजारों की संख्या में युवा इनमें कोचिंग लेने आते हैं। हालांकि, सरकार के आदेश मुताबिक, अब कोई भी कोचिंग सेंटर (Haryana Coaching Centre New Rules) संचालक इस तरह का प्रचार-प्रसार नहीं कर सकता।
एक कोचिंग सेंटर के पास नही है फायर एनओसी
पूरे कैथल जिले में 100 से अधिक कोचिंग सेंटर (Haryana Coaching Centre New Rules) चल रहे हैं। बता दें कि, केवल कैथल शहर में ही इनकी संख्या 50 से अधिक है। इनमे से सिर्फ कोचिंग सेंटर के पास ही फायर एन.ओ.सी नहीं है। कई कोचिंग सेंटर तो शहर की आबादी के बीच काफी तंग गलियों में खुले हुए हैं। जिनके आगे हर समय अतिक्रमण रहता है। ऐसे में यदि वहां आग लग जाए तो दमकल विभाग की गाड़ी भी नहीं पहुंच सकती। अगर इनमे किसी कारण आगजनी हो जाए तो भारी जानमाल का नुकसान होगा। अग्निशमन विभाग द्वारा इनको कई बार नोटीस भी दिए गए हैं, अगर इनके संचालक इसको गंभीरता से नही ले रहे हैं। क्योंकि इनको किसी भी प्रशासनिक कार्रवाई का डर नहीं है।
कोचिंग सेंटरों के लिए नए नियम
- कोचिंग सेंटरों की डिस्ट्रिक्ट अथॉरिटी के पास रजिस्ट्रेशन करवाने की बात कही गई है।
- कोचिंग के दौरान स्टूडेंट्स के तनाव के देखते हुए उनकी साइकोलॉजी और मेंटल हेल्थ का ध्यान रखने की भी जिम्मेवारी संचालक की होगी।
- मेंटल हेल्थ के लिए एक परामर्शदाता को भी रखा जाएगा। कोचिंग सेंटर में अग्नि सुरक्षा, भवन सुरक्षा के मानदंडों के नियमों की पालना करना भी जरूरी है।
- नये नियमों के मुताबिक, जब तक किसी कैंडिडेट से सहमति नहीं ली जाती तब तक उसका फोटो, वीडियो, नाम या फिर ब्यौरा विज्ञापन में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
- कोचिंग संस्थान को बिना स्टूडेंट से सहमति लिए उसकी रैंक, मार्क्स के बारे में अपने लाभ के लिए नहीं दिखाया जा सकता।
- कैथल जिले में 100 से अधिक कोचिंग सेंटर और शिक्षण संस्थान चल रहे हैं। इनमें से सिर्फ शहर के एक सेंटर के पास एन.ओ.सी है।
- बता दें कि, सभी को पहले भी नोटिस दिए गए थे। अब इनकी लिस्ट तैयार की जा रही है। जल्द ही बिना एन.ओ.सी के चल रहे कोचिंग सेंटरों पर कार्रवाई की जाएगी।