जानिए कब शुरू होगा 50 लाख रुपये से ज्यादा एस्टीमेट वाली गलियों का (Jind nagar parisad news) निर्माण
Jind nagar parisad news : जींद : प्रदेश सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में जींद शहर की 38 कालोनियों को नियमित किया था। इनमें नगर परिषद ने गलियों का निर्माण शुरू कर दिया है। कुछ गलियों का निर्माण कार्य पूरा भी हो चुका है। जो बड़ी राशि वाले एस्टीमेट की गलियां हैं, उनके टेंडर आचार संहिता हटने के बाद खुलेंगे। ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले इन कालोनियों में रहने वाले लोगों को मूलभूत सुविधाएं मिलेंगी। पहले इन कालोनियों में कच्ची गलियां होने की वजह से प्रापर्टी के भाव कम थे।
कालोनी नियमित नहीं होने की वजह से यहां लोग प्रापर्टी खरीदना भी पसंद नहीं करते थे। लेकिन कालोनी नियमित होने के बाद गलियां पक्की होनी शुरू हुई, तो प्रापर्टी के रेट भी बढ़ गए। यहां लोग अब मकान खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं। बता दें कि नियमित हुई कालोनियों में गलियों के निर्माण के लिए नगर परिषद ने करीब 44.75 करोड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार किया था। इनमें से जिन गलियों के एस्टीमेट 50 लाख रुपये से कम थे।
उनके टेंडर लगाकर नगर परिषद (Jind nagar parisad news) ने निर्माण कार्य शुरू करवा दिया था। वहीं 50 लाख रुपये से ज्यादा के एस्टीमेट को उच्च अधिकारियों से स्वीकृति मिलने के बाद टेंडर लगाए गए थे। लेकिन इनमें से ज्यादातर टेंडर आचार संहिता लगने की वजह से नहीं खोले जा सके। जैसे ही आचार संहिता हटेगी, टेंडर खोल कर गलियों के निर्माण कार्य शुरू करवाए जाएंगे। नियमित हुई कालोनियों में गली निर्माण के लिए बजट प्रदेश सरकार देगी।
आचार संहिता (Code of conduct) हटने पर 50 करोड़ से ज्यादा के काम होंगे शुरू
जिले की करोड़ों रुपये की कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाएं (Jind nagar parisad news ) आचार संहिता खत्म होने के बाद शुरू होंगी। एकलव्य स्टेडियम में नौ करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से सिंथेटिक ट्रैक बनाने, पिछले साल अक्टूबर में नियमित हुई कालोनियों में गलियों के निर्माण सहित 50 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि के नगर परिषद ने टेंडर लगाए हुए हैं। जिन गलियों के एस्टीमेट 50 लाख रुपये से ज्यादा के हैं, वे कार्य आचार संहिता खत्म होने के बाद ही शुरू हो पाएंगे।
शहर में नहरी पेयजल परियोजना का टेंडर भी लोकसभा चुनाव के बाद दोबारा लगेगा। एचएसआरडीसी ने मिनी बाईपास पर दिल्ली-बठिंडा रेलवे लाइन पर अंडरपास बनाने के लिए टेंडर लगाया हुआ है। 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से बनने वाले इस अंडरपास के निर्माण के लिए आगे की प्रक्रिया आचार संहिता खत्म होने के बाद शुरू होगी।
आपत्तियां दूर कर 16 कालोनियों की दोबारा भेजी फाइल
जिला नगर योजनाकार कार्यालय ने अवैध कालोनियों का सर्वे करवा कर नक्शे नगर परिषद को भेजे थे। नगर परिषद ने इन नक्शों के हिसाब से संबंधित क्षेत्रों का निरीक्षण करके 54 कालोनियों की सूची मुख्यालय भेजी थी। लेकिन उनमें से 38 कालोनियां ही नियमित हो पाई और 16 कालोनियां आपत्ति लगने की वजह से नियमित होने से रह गई। नगर परिषद ने उन आपत्तियों को दूर करके दोबारा फाइल मुख्यालय भिजवा दी है। आचार संहिता (Code of conduct) हटने के बाद ये कालोनियां नियमित होने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री से मिलकर बड़े प्रोजेक्ट की करेंगे मांग : चेयरपर्सन
नगर परिषद चेयरपर्सन डा. अनुराधा सैनी (Nagar parisad chairperson Dr. Anuradha saini) ने बताया कि कुछ गलियों के टेंडर होने के बाद काम शुरू हो गए थे। लेकिन बाकी गलियों के टेंडर आचार संहिता की वजह से रुके हुए हैं। जैसे ही आचार संहिता हटेगी, विकास कार्यों में तेजी (Jind nagar parisad news) आएगी। शहर में कुछ और नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो, इसके लिए आचार संहिता हटने के बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी से भी मिलेंगे।