Satpal Brahmachari Biography : सोनीपत के रास्ते सतपाल ब्रह्मचारी की हरियाणा की राजनीति में एंट्री, चेहरा नया, पहचान पुरानी

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Satpal Brahmachari Biography : हरिद्वार के थानाराम आश्रम वाले सतपाल महाराज के नाम से हैं प्रसिद्ध

Satpal Brahmachari Biography : कांग्रेस ने सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से सफीदों विधानसभा के गांगोली गांव निवासी सतपाल ब्रह्मचारी को मैदान में उतारा है। सतपाल ब्रह्मचारी का गांव जींद में हैं, लेकिन उनका कार्यक्षेत्र उत्तराखंड के हरिद्वार रहा है। ब्रह्मचारी हरिद्वार की राजनीति में जानेमाने हैं, लेकिन जींद व सोनीपत के लोगों के लिए नए चेहरे जैसे ही हैं, हालांकि उनकी पहचान पुरानी है।

सतपाल ब्रह्मचारी को हरिद्वार के थानाराम आश्रम वाले महाराज के नाम से ही जानते हैं। सोनीपत लोकसभा क्षेत्र उन्होंने हरियाणा की राजनीति में एंट्री की है। वह हरिद्वार नगरपरिषद के चेयरमैन रह चुके हैं। इस दौरान उनकी पहचान भूपेंद्र हुड्डा से हुई, जिससे उनकी सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार तय हो पाई।

सतपाल ब्रह्मचारी 2004 में हरिद्वार नगरपरिषद के चेयरमैन थे। तभी शहर का प्रथम नागरिक होने के नाते उन्हें सूचना मिली कि नजीबाबाद रोड पर एक गाड़ी पीली नदी में बह गई है। वह मौके पर गए तो यहां तब हादेस के शिकार भूपेंद्र सिंह हुड्डा व उनके साथी मिले। सतपाल ब्रह्मचारी (Satpal Brahmachari) ने हुड्डा का इलाज करवाया और उन्हें कुछ दिन के लिए अपने आश्रम में रखा। तभी से उनकी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ नजदीकियां कायम हो गई।

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जन्मदिन के लिए मिला टिकट का उपहार
सोनीपत से कांग्रेस के टिकट के लिए सतपाल ब्रह्मचारी का मैदान खाली रहा। पिछले करीब एक महीने से उन्हें टिकट मिलने की चर्चाएं चल रही थीं, लेकिन वीरवार देर रात टिकट घोषित किया गया। इस तरह उन्हें जन्मदिन के मौके पर उपहार मिला है। सतपाल ब्रह्मचारी का जन्म 25 अप्रैल 1964 को गांगोली गांव में हुआ। उन्होंने छठी कक्षा तक गांव में पढ़ाई की और 13 साल की आयु में हरिद्वार चले गए। उन्होंने 1984 में कैथल जिले के भाना गांव निवासी श्रीराधा कृष्ण ब्रह्मचारी से ब्रह्मचर्य की दीक्षा ली। सतपाल ब्रह्मचारी हरिद्वार के संपूर्णा नंद विश्वविद्यालय शास्त्री पास हैं।

 

लंबा है राजनीतिक जीवन
सोनीपत लोकसभा क्षेत्र के लिए बेशक सतपाल ब्रह्मचारी (Satpal Brahmachari) नया चेहरा हैं, लेकिन उनका राजनीतिक जीवन लंबा है। नगरपरिषद के आलवा विधानसभा के भी दो चुनाव हार चुके हैं। वे 2003 हरिद्वार नगरपरिषद के चेयरमैन बने। इसके बाद 2012 में हरिद्वार विधानसभा सीट से ही कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और करीब साढ़े 35 हजार वोट लेकर चार हजार मतों से हार गए। इसके बाद 2022 में फिर से विधानसभा का चुनाव लड़ा और 39 हजार से अधिक वोट लेकर हार गए थे।

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दूसरी बार जींद के नेता को मिला सोनीपत से टिकट
सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल ने दूसरी बार जींद के किसी नेता को टिकट दिया है। इससे पहले इनेलो ने पूर्व डीजीपी महेंद्र सिंह की मलिक की पत्नी कृष्णा मलिक को टिकट दिया था। हालांकि कृष्णा मलिक जीत नहीं पाई, लेकिन वे 198,866 मत लेकर तीसरे स्थान पर रही थी।

सोनीपत लोकसभा क्षेत्र में कुल नौ विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें से छह विधानसभा क्षेत्र सोनीपत जिले के और तीन जींद जिले के हैं। पिछले चुनाव में भाजपा की जीत में जींद जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भाजपा को जींद जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों से 100460 मतों की लीड मिली। भाजपा 164844 मतों से जीती थी।

 


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